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How to Become Mentally Strong? (Hindi)

Success is all about your mental strength. अगर आप मानसिक रूप से मज़बूत हैं तो सफल आप कि पहुँच में खुद-ब-खुद आ जाती है, आप बड़े से बड़े मुकाम तक पहुँच सकते हो. इसलिए आज हम mentally strong बनने के बारे में बात करेंगे, लेकिन इन बातों को अपनी ज़िन्दगी में अप्लाई करना आप की जिम्मेवारी है.

Mentally strong बनने के लिए क्या करना चाहिए?

 सहानुभूति मांगना बंद करो

हर इन्सान में कहीं ना कहीं उसके दिमाग में यह एक चीज़ होती है कि उस को attention चाहिए होता है. जब attention कई चीजों या कई कारणों से नहीं मिलता तो दिमाग में एक बचपन से की हुई programming है.

जब आप बच्चे थे आप गिरते थे चोट लगती थी, बीमार होते थे तब आप के मम्मी-पापा आते थे और पूरी सहानुभूति देते थे.

लेकिन अब दिमाग ने उस sympathy की जगह attention को register कर लिया है कि जब भी हमें attention चाहिए तो मुझे थोड़ी सी सहानुभूति लेनी होगी.

सहानुभूति कैसे मिलती है, जब आप बीमार हो जाओ, थोड़ी चोट लग जाये, थोड़ी प्रॉब्लम वाली situation आ जाये.

तो दिमाग sympathy seeker नहीं है दिमाग attention seeker है. जब कुछ बढ़िया करके अटेंशन नहीं मिल रही होती तब ये हमारा चालक दिमाग sympathy चाहता है.

अब आप सिर्फ एक चीज़ से इसे खत्म कर सकते हो वो है दूसरों को अपनी छोटी-छोटी problems बताना बंद करो.

खुद पे तरस खाना बंद करो – stop self pity

आप ने बहुत बार देखा होगा या महसूस करा होगा कि इन्सान कई बार अकेला बैठा खुद पे तरस खा रहा होता है.

तब वो सोचता है सिर्फ मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है, लोग मेरे साथ ही ऐसा क्यों कर जाते हैं, भगवान ने मेरी ज़िन्दगी इतनी मुसीबतों वाली क्यों बनाई है.

इससे दो बहुत गलत असर होते हैं. पहला, एक victim mindset बन जाता है और आप को लगता है कि आप ही बुरे हैं. दूसरा, आप का दिमाग कभी किसी समस्या के समाधान के बारे में सोच ही नहीं पायेगा.

उदास होना, परेशान होना यह स्वभाविक है, यह जीवन का एक हिस्सा है. आप को emotion-less नहीं बनना है, emotions को कंट्रोल करना है. बस उस उदासी को बड़ा नहीं करना है आप को.

अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो आप को self pity करना छोड़ना ही होगा  क्योंकि इस्से mental toughness नहीं आ पाती.

Self-pity में आ के आप बोलने लगते हो कि मेरी family ने मुझे यह नहीं दिया, मेरे ही साथ हमेशा ऐसा होता है, भगवान हमारी साथ ऐसा करता, सर्कार हमारे साथ ऐसा करती, ऐसा करके आप अपने दिमाग को कमजोर बना रहे हैं और ऐसे आप mentally strong हो ही नहीं सकते, तो अपने ऊपर तरस खाना बंद करो.

दूसरों से छोटी-छोटी चीजों में मदद लेना छोड़ो – stop seeking help

दूसरों से छोटी-छोटी चीजों में मदद  लेना बंद करिये. यानि self-dependency को आपने अपनी ज़िन्दगी में बढ़ाना है, खुद पर निर्भर ज़्यादा रहना है.

हम आप की professional life, work-life की बात नहीं कर रहे, आप कोई कंपनी चलाते हो कोई shop है आप की या कुछ और काम करते हो आप, उसकी बात नहीं क्र रहे हम. बल्कि हम आप कि personal life की बात कर रहे हैं, आप के mental strength की बात कर रहे हैं.

क्योंकि हम कई बार छोटी-छोटी चीजों में dependent हो जाते हैं, हम वो चीज़ कर सकते हैं लेकिन हम दूसरों को बोल देते हैं वो काम करने क लिए.

जैसे कुछ organisations parenting session में यह बताते हैं कि बच्चों को बोलो वो खाना खाने के बाद अपनी प्लेट खुद रख कर आयें.

ऐसा करने से sense of responsibility आती है. हम बच्चों को तो यह बात बताते हैं लेकिन खुद भूल जाते हैं कि जिम्मेदारी की भावना विकसित करनी है.

पूरी ज़िन्दगी हमारा यह जो strength है ऐसी नहीं रहेगी, तो जितना आप पाने दिमाग को ट्रेन कर लोगे self dependency के लिए उतना आगे की उम्र में आप के लिए आसान हो जाएगा. दूसरों पर निर्भर नहीं रहोगे, आप अपनी strength को पहचान पयोगे, क्योकि आप के दिमाग को आदत हो जाएगी खुद से काम लेने की और आप mentally strong होंगे.

खुद से प्यार करो – self love

क्या आप खुद से मोहब्बत करते हो? क्या आप खुद के सबसे अच्छे दोस्त हो? चलिए एक छोटी सी बात बताईये आप अपने घर को कैसे रखते हो, साफ-सुथरा या गंद मचा के रखते हो?

वो तो आप का बाहर वाला घर है, वो तो बदलता रहेगा. लेकिन जिस घर में आपने हमेशा रहना है वो है आप की बॉडी और आप का दिमाग.

जब तक आप इस धरती पर हो तब तक यही आप का सारी ज़िन्दगी साथ देंगे, तो आप अपने हमेशा वाले घर को कैसे रखते हो?

जैसे घर की सफाई करने की एक routine होती है उसी तरह से self-care की भी एक routine होनी चाहिए. कम से कम महीने में एक दिन self-care को दें.

खुद की grooming करने के लिए खुद को पूरा समय दें पूरी energy दें और अपनी बॉडी को अपनी ज़िन्दगी को cherish करने के लिए इसको healthy रखें.

तो कहने का मतलब है कि अपनी बॉडी को सिर्फ grooming के लेवल पर नहीं बल्कि internal strength के लेवल पर भी आपको इसकी केयर करनी चाहिए.

तो क्या आप अपने घर में कचरा डालोगे? नहीं ना, तो कई बार हम अपने शरीर में कचरा डाल रहे होते हैं. तो थोडा सा सचेत हो जाओ अगर खुद से प्यार है, ज़िन्दगी साफ-सुथरी, सुंदर और खुशियों से भरी जीना चाहते हो.

तो क्या आप खा रहे हो उस पर ज़रूर ध्यान दो और उसको थोडा सा सुधारने की कोशिश करो और सिर्फ physical diet ही नहीं, mental diet भी.

आप क्या देख रहे हो, क्या पढ़ रहे हो, क्या सुन रहे हो, आप कैसी संगति में है, कैसे विचार आप के दिमाग में जा रहे हैं, यह सब आप की mental diet है.

क्योंकि जैसा आप पढ़ोगे, जैसा आप देखोगे, जैसा आप सुनोगे, जैसी संगति में आप रहोगे, आप का mindset भी बिलकुल वैसा ही हो जाता है और जैसा आप का mindset होता है वैसे ही आप खुद होते हैं और वैसी ही आप की ज़िन्दगी, आप का life-style होता है.

तो इस लिए physical diet को सुधारने के साथ-साथ mentally diet सुधारना भी बहुत ही ज़रूरी है.

अगर आप का दिमाग इधर-उधर फालतू चीजों में भटकता रहता है, आप को एकाग्र हो के कोई काम नहीं करने देता तो आप हमारी post “how to calm your mind-मन को शांत कैसे करें?” पढ़ के विस्तार में जान सकते हैं और अपने भटकते हुए विचारों को, दिमाग को शांत और एकाग्र कर पाएंगे.

मेंटली स्ट्रोंग बनने के लिए हमेशा सच बोलो

यह मेंटली मज़बूत बनने की सबसे ज़रूरी आदत है. क्योंकि झूठ आप को कमज़ोर बनता है.

जितनी बार भी आप दूसरों से झूठ बोलते हो उतनी बार ही कहीं ना कहीं आप अपनी mental reality को भी झूठा बना रहे होते हो और जो आप असल में होते हो उससे आप दूर जा रहे होते हो.

ज़्यादातर लोग झूठ का सहारा इसलिए लेते हैं क्योंकि सच्चाई का सामना करना बहुत दर्दनाक होता है.

अपना फोकस सिर्फ अपनी तरफ और अपने चाहने वालों की जिंदगी पर रखो

आप अपनी mental energy को politics, न्यूज़, ईर्ष्या, toxic relationships या किसी की बुराई करने में बर्बाद ना करें बल्कि आप अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाने पे ध्यान दो.

कभी भी अपने बारे में अच्छा महसूस करने के लिए किसी दूसरे को नीचा मत दिखाओ. इस लिए आप दूसरों की ज़िन्दगी में interest लेने की बजाये आप उन लोगों के साथ रहो, जो लोग आप में विश्वास करते हैं और अपनी मुश्किलों को हल करने के बारे में ध्यान दो.

कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आओ

अगर आप सच में mentally strong होना चाहते हो तो अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलो. अपने comfort zone से बाहर निकलने के लिए हमने अपनी post में “how to come out of comfort zone” बिलकुल डिटेल में बताया है.

जिस में हम ने बेहतरीन तरीके से बताया है जिनको अप्लाई करके आप अपने दिमाग को program कर सकते को comfort zone से बाहर निकलने के लिए और ज़िन्दगी की हर बड़ा विकास comfort zone के बाहर ही है, इन को अपनी ज़िन्दगी में अप्लाई करें और अपने जीवन को बेहतरीन और खूबसूरत बनाएं.

कोई सवाल या राय हो तो comment करें या हमें message भी कर सकते हैं.

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