Comfort zone क्या है?
कम्फर्ट ज़ोन एक ऐसी जगह है जहाँ पर आप बहुत ज़्यादा comfortable महसूस करते हो और comfortable महसूस करने की वजह से आप अपनी limits और boundaries को ज़्यादा पुश नहीं कर पाते.
मतलब कि ऐसी जगह जहाँ पर आप बहुत ज़्यादा professional opportunities को, व्यक्तिगत विकास को और life experiences को मिस कर जाते हो.
दूसरे शब्दों में समझें तो जो ज़िन्दगी बहुत सुंदर हो सकती है, richness से भरी हो सकती है और बहुत ही अच्छी हो सकती है उसको हम मिस कर जाते हैं क्योंकि हम अपने कम्फर्ट ज़ोन की boundaries को पुश नहीं कर पाते.
इस लिए आज हम जानेगे कि कैसे आप अपनी limits का विस्तार कर के अपने comfort zone की सीमाओं को पुश कर सकते हैं.
Comfort zone से बाहर आने के क्या फायदे हैं?
हर बड़ी सफलता, हर बड़ी उपलब्धि, हर ख़ुशी, पैसा, नाम, इज्ज़त, दौलत-शोहरत सब कुछ हमारे कम्फर्ट ज़ोन के बाहर है.
जो इन्सान इस कम्फर्ट ज़ोन को छोड़ना सीख जाता है वो जीवन में किसी भी मुकाम पर पहुँच सकता है, अपने सपने पूरे कर सकता है. लेकिन कम्फर्ट ज़ोन को छोड़ने के लिए थोडा सा uncomfortable होना पड़ता है.
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तो यदि आप कुछ चीजों में uncomfortable होना सीख गये तो बाकी किसी भी चीज़ में uncomfortable हो सकते हो, किसी भी चीज़ के कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकल सकते हो.
कुछ लोग मानते हैं कि कम्फर्ट ज़ोन सिर्फ कम्फर्ट से ही सम्बंधित है लेकिन असल में ऐसा नहीं है. कम्फर्ट ज़ोन कम्फर्ट के बारे में तो है परंतु यह डर के बारे में भी है.
आप ने बहुत से लोगों को देखा होगा जो कम्फर्ट ज़ोन के अंदर कम्फर्ट नहीं हैं, वो uncomfortable हैं, वो परेशान हैं, वो चाह रहे होते हैं इन boundaries को तोडना, उनकी ज़िन्दगी में growth नहीं हो पा रही होती है.
लेकिन कुछ ऐसे डर होते हैं जिन की वजह से वो इससे बाहर नहीं आ पा रहे होते हैं. तो वो डर कोन से हैं इन के बारे में बात करते हैं.
Comfort zone से निकलने के लिए कोनसी चीजें रोकती हैं?
अनजान का डर – fear of unknown
यह fear of unknown क्या है कि जिस भी चीज़ से हम परिचित नहीं होते, जिस को हम नहीं जानते उससे हमारा दिमाग घबराता है. जैसे हम कई बार किसी अजनबी वियक्ति से बात नहीं कर पाते.
इसका कारण यह है कि हमे लगत है कि पता नहीं सामने वाला कैसे response देगा कैसे react करेगा, हमें कैसे judge करेगा, क्या बोल देगा, इस लिए हम उससे बात करने से थोडा बचते हैं.
तो इस fear of unknown की वजह से कई बार हम अपनी mental boundaries को पुश नहीं कर पाते.
तो इस fear of unknown को कैसे दूर करें?
कोई भी काम अगर आप बिना उस के बारे में जानकारी लिए करते हो चाहे वो swimming हो, चाहे वो ड्राइविंग हो चाहे वो कुछ भी हो, बिना उसकी knowledge के करते हो तो आप को उस में आत्मविश्वास नहीं आएगा.
जिस वियक्ति को ड्राइविंग अच्छे से नहीं आती वो डर- डर के गाडी चलाएगा लेकिन जो expert हो चुका है उसका आत्मविश्वास बन चुका है. ठीक इसी तरह अपने comfort zone को चाहते हो तो सबसे पहले ज्ञान हासिल करो.
किसी भी काम को करने में अगर आप को डर लगता है तो इसका मतलब है आप उस के बारे में ज़्यादा जानते ही नहीं है.
तो आप को करना क्या है, आप को उसके बारे में जानकारी हासिल करनी है, उन लोगों से मिलो जो पहले से इस काम को कर चुके हों.
मतलब यह है कि जिस भी field में आप अपने कम्फर्ट ज़ोन को तोड़ के आगे निकलना चाहते हैं तो तीन कम करो:
पहला ज्ञान और जानकारी प्रापत करो. दूसरा उस चीज़ से समन्धित skills विकसित करो और तीसरा, जो लोग उसे पहले ही कर चुके हों या आकर रहे हों उन लोगों के साथ जुड़ना शुरू करो, उन के साथ समय बिताना शुरू करो.
जिससे आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकल पयोगे क्योंकि जो unknown का डर था वो खत्म हो जाएगा, क्योंकि उसकी जानकारी और ज्ञान लेकर आप ने उसे known बना लिया है.
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फेल होने का डर – Fear of failure
दूसरा डर जो इन्सान को comfort zone से बाहर नहीं निकलने देता वो है फेल होने का डर..fear of failure. कोई भी कम शुरू करने से पहले आप के दिमाग में यह बात आती है कि कहीं आप फेल ना हो जाओ, कहीं आप को rejection का सामना ना करना पड जाये.
यह बात हमेशा याद रखना कि rejection मिलेगी तभी तो correction कर पयोगे, तभी तो सही action ले पयोगे. Rejection, correction और right action आप को एक सुंदर और सफल जीवन की तरफ ले जाएगी.
सबसे पहले यह सोचो कि rejection क्यों मिल रही है, क्योंकि कहीं ना कहीं किसी चीज़ को स्वीकार नहीं किआ जा रहा या आप ठीक से स्वीकार करवा पाने में सक्षम नहीं हो.
तो जब rejection मिलती है आप उस में correction करो, correction करोगे तभी तो अगली बार उस में बेहतर प्रदर्शन करोगे. याद रखना rejection ही एक ऐसा रास्ता है जिस के बाद आप अपने ऊपर काम करते हो, उसमें सुधर करते हो, सही एक्शन लेते हो, यही तरीका है आत्म विकास का.
चुनौतियों का डर – fear of challenges
कई बार इन्सान को ऐसा लगता है कि अगर उसने इससे थोडा ज़्यादा किया तो वो चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. किसी काम को करने में अगर आप को थोड़ी कठिनाई आने लगती है तो आप को लगता है कि यह नहीं कर पाऊंगा.
तो इस चीज़ पे इस डर पे काबू कैसे पा सकते हैं, आप को चुनौतियों को स्वीकार करना है. यहाँ हम बड़े-बड़े challenges की बात नहीं कर रहे बल्कि छोटे-छोटे challenges को स्वीकार करो और उनका सामना करो.
जैसे किसी अजनबी से बात करना लेकिन वो अजनबी विपरीत लिंग का होना चाहिए. तो आप खुद से एक challenge लो कि आप को रोज़ एक विपरीत लिंग वाले अजनबी से बात करनी है.
ऐसे ही छोटे-छोटे कोई भी challenges आप रोज़ ले सकते हो और आप देखोगे कि आप में ज़बरदस्त तरीके की improvement आ रही है.
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कम्फर्ट ज़ोन के कैसे बाहर निकलें
छोटे-छोटे कदम बढ़ाएं
Comfort zone से बाहर निकलने का यह मतलब नहीं होता कि आप अपनी रोज़ाना routine को एक ही दिन में बदल दें. आप छोटी-छोटी चीजों से शुरुआत कर सकते हैं.
जैसे जो दौड़ लगाते हैं वो खुद को कुछ किलोमीटर ज़्यादा दौड़ने के लिए पुश कर सकते हैं. हम सब social media जैसे Facebook, Instagram पर रोज़ कितना समय बर्बाद करते हैं.
तो उस के लिए हम कुछ देर के लिए ये सब चलाना छोड़ सकते हैं और यह देख सकते हैं कि हमारी ज़िन्दगी में यह कदम लेने से क्या-क्या बदलाव आये.
आप को लगेगा कि यह सब कोई बड़ी चीजें नहीं है लेकिन जब आप कुछ नया और अलग करना शुरू करते हैं तो आप यह सीखते हैं कि ज़िन्दगी में आने वाले परिवर्तन को कैसे deal करना है और यही चीजें आप को परेशानियों से लड़ने की ताकत भी देंगी.
किताबें पढें – reading books
किताबें पढ़ने के बहुत से फायदे हैं. दुनिया का हर सफल इन्सान जैसे Elon Musk, Steve Jobs, Mark Zuckerberg इन सबको किताबें पढ़ने का बहुत शौक है.
Bill Gates एक साल में 50 किताबें पढ़ते हैं. राकेट कैसे बनाते हैं, Elon Musk ने यह किताब पढ़ के सी सीखा है. कितनें पढ़ने से सिर्फ आप का ज्ञान ही नहीं बल्कि आप की vocabulary, writing skills और एकाग्रता भी बढ़ती है.
तो किताबे पढ़ने की आदत आप भी डाल लीजिए.
एडवेंचर पर जाएं – go on Adventures
Adventures पे जाना किसे नहीं पसंद और जब हम किसी नई जगह पर जाते हैं वहां के लोगों से मिलते हैं, उन के culture के बारे में जानते हैं तो हम बहुत सी नई चीजें सीखते हैं और हमारा ज्ञान और आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
इस लिए हमारे आत्म विकास के लिए adventures पे जाना बहुत ज़रूरी है. आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए यदि आप अच्छे से जानना चाहते हैं तो हमारी पोस्ट “How to boost self confidence?” पर जा कर विस्तार में पढ़ सकते हैं.
हार मत मानो – never give up
ऐसा बहुत ही कम होता है कि हम हमेशा motivated और inspired रहते हैं. कभी-कभी ऐसा समय भी आता है हमारे जीवन में जब हम बिलकुल low और demotivated महसूस करते हैं और हमें लगता है कि जो हम कर हे हैं उस में हमें सफलता नहीं मिल पायेगी और हम छोड़ देते हैं.
यही हमारी सबसे बड़ी गलती होती है क्योंकि बहुत बार ऐसा होता है कि हम अपने लक्ष्य के बिलकुल पास होते हैं और यह चीज़ बिना महसूस करे बिना जाने हम quit कर देते हैं.
अगर आप भी कभी ऐसा महसूस करते हैं तो कभी quit मत कीजिये.
अगर आप का कोई सवाल या राय हो तो कमेंट करके जरुर बताएं, धन्यवाद !!
Quitters Never Win and Winners Never Quit – Vince Lombardi
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