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Self Confidence in Hindi – आत्मविश्वास कैसे बढाए

आत्मविश्वास क्या है

आत्मविश्वास, इसका महत्त्व हम सबको पता है. चाहे वो सफलता हासिल करना हो, कोई इंटरव्यू हो, या गर्लफ्रेंड ही क्यों ना बनानी हो. अगर आत्मविश्वास नहीं है तो कुछ हासिल नहीं कर सकते. इसलिए आज हम इसी पे बात करेंगे कि how to improve self confidence in hindi.

इस पोस्ट पढ़ने के बाद आप लोगों के लिए नहीं, लोग आपके लिए तालियाँ बजायेंगे क्योंकि इस post में वो ताकत है कि आपका डर, आपकी झिजक, आपकी घबराहट खतम हो जाएगी.

आप फट्टू से फाडू बन जाओगे. क्योंकि इस पोस्ट में जो बताया गया है वो आपको इन्टरनेट पर कहीं और नहीं मिलेगा.

आत्मविश्वास जगाने के लिए क्या करना चाहिए – Self Confidence in Hindi

ज़्यादातर लोग आत्मविश्वास के बेसिक चीजों पर बताते हैं लेकिन इस पोस्ट में हम इसके एडवांस लेवल पर भी बात करेंगे.

खुद की तुलना किसी से ना करें

Self Confidence in Hindi

अपनी तुलना किसी और इन्सान से करना आपके आत्मविश्वास को ठेस तो पहुंचता ही है साथ में आपको निराश भी करता है. जब कि आपकी विशेषता, आपकी खूबी अलग होती है.

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उदाहरण: यदि एक मछली को पेड़ पर ना चढ़ पाने की काबिलियत के कारण उसे मुर्ख मानेगे तो सही में मछली ज़िन्दगी भर मुर्ख ही बनी रहेगी.

लेकिन मछली का गुण है पानी के अंदर तैरना और रहना जो किसी और के अंदर बिलकुल भी नहीं है.

इसलिए ज़िन्दगी में अपनी काबिलियत को जाने, उसे बढ़ाएं और खुद की तुलना किसी से ना करें.

अपनी कमज़ोरी और ताकत जाने

आत्मविश्वास की कमी में एक बड़ा कारण यह भी होता है कि कुछ लोगों को अपनी कमज़ोरी और अपनी ताकत का पता ही नहीं होता है.

उनमें क्या गुण ख़ास है और कोनसी ऐसी चीज़ है जिसमें वो कमज़ोर हैं. जिसके कारण सही वक्त आने पर वो आत्मविश्वास खो बैठते हैं. हमें यह चीज़ पता होना बहुत ज़रुरी है.

उदाहरण: जैसे Nawazuddin Siddiqui जब बॉलीवुड में अपना करियर बनाने आये थे तो बहुत लोगों ने उनका उनकी लुक को लेकर उनका मज़ाक उडाया था.

लेकिन उनको बड़े अच्छे से यकीन था कि वो अपनी एक्टिंग का दम पूरी दुनिया को दिखा कर रहेंगे और इसी गुण की वजह से और इसी गुण की वजह से उन्पूहोंने पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया.

संचार कौशल – communication skills

Self Confidence in Hindi

आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए communication स्किल्स नहुत ज़रुरी है और यह दो प्रकार की होती हैं verbal और Non-verbal.

Non-verbal communication में आता है शारीरिक हाव – भाव (body language) और eye-contact. ज़रुरी नहीं है कि आप कोई बिज़नेस कर रहे हैं या आप कोई पब्लिक स्पीकर हो तो ही आप में यह होनी चाहिए, नहीं.

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यह हर जगह आपके काम आएगी, चाहे आप स्टूडेंट हो, हाउस-वाइफ हो, चाहे आप जॉब के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हो, चाहे आप किसी अजनबी या किसी बड़े आदमी से बात कर रहे हो, आपकी body language बहुत बड़ा किरदार निभाती है.

जो दुसरे इन्सान के दिमाग पे बहुत अच्छा इफ़ेक्ट छोड़ेगा.

Verbal communication में सबसे बड़ा रोल होता है आपके vocals का, शब्दों से ज़्यादा ज़रुरी है कि तरीका क्या है बोलने का, किस तरीके से आप सामने वाले को बात समझा रहे हैं.

इसके बाद verbal में बड़ा रोल होता है language का. आप जो भी भाषा बोलते हैं चाहे वो हिंदी हो, इंग्लिश हो, पंजाबी हो, तेलगु हो, मराठी हो, स्पेनिश हो, चाहे कोई भी भाषा हो, आपकी उस भाषा पर तगड़ी कमांड होनी चाहिए.

उस भाषा पर कमांड होने के  साथ-साथ उसका पूरा ज्ञान भी होना चाहिए, क्योंकि भाषा में निपुणता होना भी अपने आप में एक बहुत बड़ा वरदान है.

स्वयं की देखभाल करें और स्वयं को संवारें

आत्मविश्वास

अपनी खुद कि केयर करें. जिस में आप अपनी शारीरिक फिटनेस का ध्यान रखें, अपने मानसिक स्वास्थ्य की केयर करें. ध्यान करें, mindfulness में जायें क्योंकि जितना आप अपनी केयर करेंगे उतना आपकी अपने प्रति आत्म सम्मान बढ़ेगा.

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आप अपनी इज्ज़त ज़्यादा करेंगे. जब आत्म सम्मान बढ़ेगा तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ेगा.

खुद की केयर करने के साथ-साथ आपको खुद को groom भी करना है. आपको स्मार्ट दिखना है, अच्छे से ड्रेस करना है.

ड्रेसिंग अच्छी होनी चाहिए इसका मतलब यह नहीं कि आपको बहुत महंगे कपडे खरीदने हैं, ब्रांडेड कपडे पहनने हैं, नहीं, आप जो भी कपडे पहनते हो वो साफ-सुथरे हो, अच्छे से धोये हों, अच्छे से स्त्री करे हुए हों.

आपसे एक अच्छी खुश्बू आनी चाहिए.

यह Personal grooming का एक बहुत बड़ा पार्ट है. जब आप अच्छा दिखते हैं, जब आप अच्छा महसूस करते हैं खुद को तो आपका आत्म सम्मान बढ़ता है जिस्से आपका आत्मविश्वास अपने आप बढ़ता है.

अपने ज्ञान को बढ़ाएं

आत्मविश्वास की कमी में यह भी एक बहुत बड़ा कारण होता है. कई लोग थोडा सा ज्ञान लेकर बाज़ार में चले जाते हैं, उस ज्ञान को बताने की और झाड़ने की कोशिश करते हैं.

जिसके चक्कर में वो फेल हो जाते हैं और उसके बाद उनके अंदर आत्मविश्वास कि बहुत ज़्यादा कमी हो जाती है.

आपको बहुत सारी चीजों की ज्ञान जुटाने की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं है. आपको अपनी field के बारे में पूरा और परफेक्ट ज्ञान होना चाहिए और यह आपके लिए बहुत ज़रुरी है.

कार्य समय पर पूरा करें

आत्मविश्वास

जिन लोगों के अंदर समय पर काम करने की आदत नहीं होती है उनके अंदर भी आत्मविश्वास की कमी होती है.

आपको खुद को देखना होगा कि आप जो काम अपने हाथ में लेते हैं उसको आप समय पर पूरा कर पाते हैं या नहीं.

यदि वो समय पर पूरा नहीं होता है तो वियक्ति को चिंता होती है वो परेशान होता है और चिढ़चिढ़ापन महसूस करता है जिस्से  उसके आत्मविश्वास का लेवल गिर जाता है.

इसलिए जो भी काम आप करो उस को समय पर पूरा करने की आदत डालो.

अपनी गलतियों से सीखिये

हम सभी ज़िन्दगी में  बहुत गलतियाँ करते हैं लेकिन उनको पकड के मत रखिये और सारी ज़िन्दगी अपने आप को दोष मत देते रहिये.

इस बात को समझिये कि हम इन्सान हैं चाहे कितना भी confident हो जाएँ लेकिन गलतियाँ हो सकती हैं. लेकिन उस्से दुखी होकर, उस्से मायूस होकर आपको कुछ नहीं मिलेगा.

अगर कोई गलती हो गयी आपसे तो इसका मतलब यह नहीं कि आप में कोई काबिलियत नहीं है. तो अगर बिज़नेस में घाटा हो गया तो इसका मतलब यह नहीं कि आप दोबारा बिज़नेस नहीं करोगे.

तो गलितयों को पकड के बैठने से अच्छा है कि आप उन गलतियों से सीखो ताकि वो गलती आप दोबारा मत करो.

फेल होने से ना डरें

आप कभी भी जीवन में फेल होने से बिलकुल ना डरें. कुछ लोग इसी चक्कर में ज़िन्दगी में आगे नहीं बढ़ पाते क्योंकि उन्हें डर लगता है कि वो किसी काम में फेल ना हो जाएँ.

दोस्तो याद रखना इस संसार में कोई भी वियक्ति ऐसा नहीं होगा जो ज़िन्दगी में बिना फेल हुए आगे बढ़ा होगा, सफल हुआ होगा.

उदाहरण: जैसे Alibaba.com के founder Jack Ma अपनी ज़िन्दगी में कई बार फेल हुए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी, वो कभी डरे नहीं और अपने आत्मविश्वास को बनाये रखा और आखिर में पूरी दुनिया में उन्होंने अपना नाम बनाया.

आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कुछ एडवांस चीज़े – Self Confidence in Hindi

प्रतिज्ञान – affirm yourself

अपने आप को self-affirmations दो. अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो affirmations का मतलब है कि आप खुद को कुछ सकारात्मक निर्देश देते हैं, अपने आप को कुछ बातें बोलते हैं, कुछ चीजें बोलते हैं जो कि आपके आत्म सम्मान को बढाती हैं.

उदाहरण: जैसे मैं बहुत स्मार्ट हूँ, मैं बहुत शक्तिशाली हूँ, मैं बहुत कामयाब हूँ. इस तरह से आपके दिमाग में स्ट्रोंग vibes जाती हैं.

वो सोचता है कि आपको कुछ ऑर्डर्स दिए जा रहे हैं, कुछ चीजें बोली जा रही हैं तो जब आप अपने आपको बोलते हो I’m tremendous, तो I’m के आगे आप जो ल्गयोगे तो आपका दिमाग उस्से accept करता है क्योंकि यह शब्द हैं.

उदाहरण: दूसरी चीज़ इसमें काम करती है तारीफ़ की, अमेरिका के एक मशहूर लेखक की एक किताब “How to Win Friends and Influence People” में बताया है कि आप दूसरों को जब तारीफ देते हैं तो वो आपकी तारीफ को personally accept करता है.

आप किसी को बोलो आप बड़े स्मार्ट लग रहे हो, वो बोलेगा नहीं-नहीं जी मैं कहाँ लग रहा हूँ, आप लग रहे हो.

लेकिन जब वो घर जाएगा तो अबसे पहले खुद को शीशे में ज़रूर देखेगा कि मैं कैसा लग रहा हूँ. क्योंकि उसने internally accept करा है तारीफ को.

इसी तरह जब आप अपने दिमाग को affirmations देते हो वो तारीफ समझ के accept करता है और उसी तरह से प्रतिक्रिया करना शुरू करता है.

अचेतन मन को ट्रेन करो

Self Confidence in Hindi

उदाहरण: जैसे आप पब्लिक स्पीकिंग के पर स्टेज पर जा रहे हैं प्रेजेंटेशन के लिए , तो आपको इतने लोगों के सामने बोलने से, खड़े हिने में डर लगता है और आप सोचते हैं आपके पास आप के पास आत्मविश्वास नहीं है. तो जब भी ऐसा हो तब खुद को बोलो कि मैं सब कुछ जानता हूँ, मुझे सब आता है.

क्योंकि आपका अवचेतन मन कल्पना और असलियत में फर्क करना नहीं जानता.

उदाहरण: अगर आप अभी कुछ ना कुछ चटकारेदार, टेस्टी, इमली, निम्बू खाने के बारे में सोचेंगे तो आपका दिमाग उसको सोच कर के आप के मुंह में पानी ला देगा.

उदाहरण: कई बार हम कोई सपना देखते-देखते डर जाते हैं और जब उठते हैं तो पसीना आया होता है, धड़कन तेज़ हो रखी होती है.

सपना एक कल्पना थी, लेकिन आपकी बॉडी और आपका अवचेतन मन प्रतिक्रिया ऐसे कर रहा होता है जैसे reality हो.

तो जब टेंशन से आपकी धड़कन बढ़ती है तो और उत्साह से धड़कन बढ़ती है, तो अवचेतन मन बस उस दिल की धड़कन को देख रहा होता है, वो उसके पीछे के लॉजिक को नहीं देख रहा होता.

तो जब ऐसा हो तब अपने दिमाग को आर्डर दो कि यह जो धड़कन बढ़ी है यह टेंशन से नहीं है यह तो उत्साह से है.

तो जब भी किसी जगह पर आप आत्मविश्वास में कमी समझें तो आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपने आप को बताईये मैं टेंशन में नहीं हूँ मैं तो excited हूँ.

ध्यान – meditation

Self Confidence in Hindi

ध्यान से ना सिर्फ हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि हमारे दिमाग में चल रहे नकारात्मक विचारों का भी नाश होता है और हमारा दिमाग शांत और एकाग्र  रहता है.

इसलिए रोज़ कम से कम 15-20 मिनट मेडिटेशन ज़रूर करना चाहिए.

इस के लिए आप एक कमरे में ज़मीन पे चौंकड़ी लगा के कमर सीधी करके आँखें बंद करके बैठ जायें, उस कमरे में आपके अलावा कोई और नहीं होना चाहिए और शांत होना चाहिए.

अपने शरीर को एकदम ढीला छोड़ कर बस दोनों आँखों के बीच ध्यान एकाग्र करें.

याद रहे ध्यान लगाना सिर्फ 2-4 दिन या 2-4 हफ़्तों में नहीं आ जाएगा, यह निरंतर प्रयास से आएगा.

आपको बस रोज़ इसका निरंतर प्रयास करते रहना है और कुछ समय ऐसा करने से आप खुद में एक बड़ा बदलाव देखेंगे और खुद में एक नई उर्जा को महसूस करने लगेंगे.

आत्मविश्वास महंगे फ़ोन, महंगी गाडी, महंगे कपड़ों से नहीं आता, लेकिन अगर ये सब बातें आपने अपने अन्दर बिठा ली तो यकीन मानिये कोई भी आत्मविश्वास किसी का भी आत्मविश्वास आप से ज़्यादा नहीं होगा.

आत्मविश्वास की कमी क्यों होती है?

अपने हर काम को बेकार कह देना

आपका मन आप पर संदेह करता है और मन कई वर्षों से ऐसा करता चला आ रहा है. आप के मन को हर मुश्किल प्रस्थिति में खुद को दोषी ठहराने की आदत हो गई है.

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आपका मन लगातार आपकी तुलना दूसरों से करता है.

यह सच है कि मुश्किल समय में हर कोई अपने आप को या दूसरों को दोषी ठहरता है और अक्सर लोगों को पता भी नहीं होता कि ऐसा करना बेतुकी बात है.

यह उचित नहीं है कि आप हर असफलता का दोष खुद पर डालें. बार बार ऐसा करने से आप अपनी कुशलता को और निर्णय लेने की क्षमता को कम कर देते हैं.

Confidence कैसे बढ़ाएं

  • दयालु और उदार बनें
  • सकारात्मक सोचो
  • नकारात्मक विचारों को खत्म करो
  • धीरे बोलें
  • अपनी क्षमता बढ़ाएँ
  • अपनी एक छोटी सी बुरी आदत बदलें
  • समाधान पर ध्यान दें
  • अपनी प्रतिभा को पहचानें
  • अपने आप पर गर्व करो
  • आईने में देखो और मुस्कुराओ
  • अपनी असुरक्षाओं को पहचानें
  • हमेशा आभारी रहें
  • अपने डर का सामना करो
  • ज्ञान से खुद को सशक्त बनाएं
  • अपने रहने की जगह साफ़ रखें
  • दूसरों की मदद करें
  • अहंकार से बचें
  • अपने प्रदर्शन पर ध्यान दें
  • जिससे डर लगे उसे बार-बार करो
  • खुद को प्रसन्न रखें
  • खुशमिजाज़ लोगों के साथ रहें
  • अच्छी नींद लें
  • आलस छोड़ें
  • रोज़ कसरत करें

निष्कर्ष:

तो दोस्तो, जीवन में आने वाले संघर्षों के लिए जब मनुष्य खुद को योग्य नहीं मानता, जब उसे अपने ही बल पर विश्वास नहीं रहता तब वो सद्गुणों को त्याग कर दुर्गुणों को अपनाता है.

मनुष्य के जीवन में दुर्जनता जन्म ही तब लेती है जब उसके अंतर में आत्मविश्वाश नहीं होता. आत्मविश्वास ही अच्छाई को धारण करता है.

हमे उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल “self confidence in hindi” अच्छा लगा होगा, कमेंट करके जरुर बताएं, धन्यवाद!!

खुश रहिये, आबाद रहिये और आत्मविश्वासी रहिए.


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