कोई इग्नोर करे तो क्या करें | Koi Ignore Kare to Kya Kare

कोई इग्नोर करे तो क्या करें | Koi Ignore Kare to Kya Kare

आज हम बात करने वाले हैं कि जब सामने वाला इंसान हमें इग्नोर करने लग जाए हमें भुलाने की कोशिश करने लग जाए या लगभग भूल चुका हो और कहीं और ध्यान देने लग जाए तो हमें करना चाहिए?

उस ध्यान को दोबारा वापस लाने के लिए.. उस इंसान को अपनी ज़िंदगी में वापस लाने के लिए हमें क्या-क्या चीज़ें करनी चाहिए. तो आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे, और अगर आपने इन बातों  को फॉलो कर लिया तो वह इंसान तो आपकी ज़िंदगी में वापस आ ही जाएगा. 

जब कोई इग्नोर करे तो क्या करें

अक्सर हमारी कदर वह लोग बिल्कुल नहीं करते जिनकी हमें जरा भी परवाह होती है. हम उनके साथ कितना भी करने की कोशिश कर लें पर कहीं ना कहीं वह हम इस तरह से ट्रीट करते हैं जैसे हम उनके लिए कुछ मायने ही नहीं रखते.

जैसे हमें तो वह बोल देंगे कि मैं व्यस्त हूं या अभी बात नहीं कर सकता या काफी रूखा सा रिप्लाई देंगे. वही वह अपने पसंदीदा लोगों के साथ हस-हस कर बात कर रहे होते हैं, कहीं भी घूमने जा रहे होते हैं.

ऐसे में खुद को समझाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि यह शख्स हमे बिल्कुल नहीं समझ रहा या हमें इग्नोर कर रहा है. 

हम सबकी ज़िंदगी में ऐसा अधिकतर लोगों के साथ होता ही है. तो आज हम आपको जो बातें बताने वाले हैं वो आपको कहीं ना कहीं सामने देखने पर ज़िंदगी में आगे बढ़ने पर उत्साहित करेगी. जिनसे आप ऐसी परिस्थित से डील करना, आसानी से सीख जाओगे.

थोडा पर्सनल स्पेस दो 

कोई इग्नोर करे तो क्या करें

पहली बात यह है कि उसे थोड़ा पर्सनल स्पेस दो. इसके दो फ़ायदे होते हैं, लेकिन पहले समझ लो कि पर्सनल स्पेस कैसे देना है. जैसे मान लो कि आप और आपकी गर्लफ्रेंड है, आप दोनों की खूब अच्छे से बातें होती थी, खूब बढिया से एन्जॉय करते थे.. रिलेशनशिप के पहले भी और तीन-चार महीने तक खूब बातें हुई, खूब मज़ा आया, खूब महत्व मिलता था.

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वो खुद कॉल करती थी, खुद मेसेज करती थी. लेकिन अब अचानक से वह मेसेज नहीं करती, मेसेज देख के छोड़ देती है.. बात नहीं कर रही है और अब आप बहुत ज़्यादा परेशान हो चुके हो और सोच रहे हो मैं क्या करूं?

तो अब आप यह नहीं करोगे कि गर्लफ्रेंड को कॉल मिला-मिला के परेशान कर रहे हो कि क्यों कॉल नहीं कर रही.. क्या हुआ तुम कॉल नहीं करती.. बिजी हो गई हो.. किसी और से बहुत बातें हो रही है तुम्हारी. 

तो तुम्हें बहुत insecurity फील होगी.. तुम्हें बहुत जलन फील होगी..तुम बहुत ज़्यादा ईर्ष्या महसूस करोगे कि  उसको अटेंशन दे रही है.. उसको दे रही है.

लेकिन आपने उसको एक पर्सनल स्पेस देना है.. उसको परेशान नहीं करना है. उसको ऐसा छोड़ दो कि जो तुम्हारा मन है वह करो, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता. ऐसे तुम्हें छोड़ना पड़ेगा.

इसे दो फायदे होते हैं. पहली चीज़ तो यह है कि तुम सिचुएशन को और खराब होने उनसे बचा लेते हो. क्योंकि ऐसे में तुम जितना छेडोगे लड़की उतना ज़्यादा चिढ़ेगी.. कोई भी इंसान उतना ज़्यादा चिढ़ने लगेगा. तो सामने वाला वैसे ही तुम्हें अटेंशन नहीं दे रहा और तुम उसको और भाव दोगे तो और अटेंशन नहीं देगा.

क्या सच में वो इग्नोर कर रहा है?

कोई इग्नोर करे तो क्या करें

तो दूसरी चीज़ यह है कि उसका भाव और बढ़ जाएगा. क्योंकि उसको पता लग जाएगा कि तुम उसकेबिना जी नहीं पा रहे हो और जैसे ही हमें किसी इंसान के बारे में पता लगता है कि वह मेरे बिना जी नहीं सकता हम उसके मजे लेने शुरू कर देते हैं और इसको उतना महत्व देना कम कर देते.

तो पहली बात से आपको एक फ़ायदा मिलेगा कि अब आपको समझ में आ जाएगा कि वह लड़की या वह इंसान वह लड़का क्या सच में तुम्हें इग्नोर करा रहा है कि नहीं कर रहा.

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तो दूसरा पॉइंट यही है है कि पहले अच्छे से पता करो कि क्या वह सच में तुम्हें इग्नोर कर रहा है? क्या वह सच में तुम्हें भूल रहा है या यह सिर्फ तुम्हारे मन के अंदर खुद ही मन घडंत तुम्हारी एक कहानी बन चुकी है.

तुम खुद ही के दिमाग में सोच रहे हो. क्योंकि ऐसे में हमारा दिमाग ओवर थिंकिंग करने लगता है और कई बार व्यर्थ में ही हमे दिक्कत में डाल देता है.

ऐसे में हमारा दिमाग हमे बोलेगा कि.. अरे वह इंसान तो तुमसे झूठ बोल रहा वह इंसान पर किसी और के चक्कर में पडा है.. वह इंसान तो तुम्हें धोखा दे रहे. जबकि कई बार ऐसा नहीं होता. 

तो तुम्हें अच्छे से पता करना पड़ेगा कि क्या वह सच में इग्नोर कर रहा रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि उसके एग्जाम आने वाले हैं, कहीं ऐसा तो नहीं उसको एक नई जॉब के इंटरव्यू के लिए तैयारी करनी है, कहीं ऐसा तो नही  के घर में कोई प्रॉब्लम आ गयी हो, कहीं ऐसा तो नहीं है कि वह किसी और चक्कर में पड़ा हुआ है, कहीं ऐसा तो डिप्रेस्ड है, कहीं है ऐसा तो नहीं है कि उसकी जिंदगी में कुछ अजीब से चल रहा है.

तो बहुत सारी चीज़ होती है.. तुम्हें पता लगाना पड़ेगा. हर वक्त हर एक इंसान इग्नोर नहीं करता. तो पहले उसकी प्रॉब्लम समझो और एक मुहावरा होता है ना अंग्रेजी में कि उसके जूते में पैर डाल के देखोऔर फिर समझो.

इसका मतलब कि उसकी हालात को समझो.. उसकी जगह अपने आप को रख के समझो कि क्या वो इंसान सच में तुम्हें इग्नोर कर रहा है. अगर कर रहा है तब आपको स्टेप्स आगे फॉलो करने है लेकिन अगर नहीं कर रहा तो उसी सिचुएशन को समझने की कोशिश करो.

उसके फ्रेंड से बात करो

तो तीसरा पॉइंट है कि अगर वो आपको इग्नोर कर रहा है तो क्यों कर रहा है.. उसके पीछे कारन क्या है? तो तुम्हें समझना है कि पहले तुम्हारी हाल फ़िलहाल मेंक्या बातें हुई थी जिसकी वजह से उसको गुस्सा आ गया होगा या जिसके वजह वह तुम को इग्नोर कर रहा हो. 

हो सकता है कि तुम्हारा कोई आर्गुमेंट हो गया हो, हो सकता है तुमने कोई ऐसी हरकत करदिया हो, हो सकता है तुमने उसके परिवार के बारे में कोई बात कह दी हो या उसके साथ इस ऐसे लहजे में बात की हो कि उसको पसंद ना आया हो.. उसकी वजह से वह तुम्हें इग्नोर कर रहा हो. 

तो कहीं ना कहीं अगर कोई कारन है तो हमें पता होता ही है कि वह क्यों इग्नोर कर रहा है. अगर तुम्हें लगता है कि गलती तुम्हारी थी तो यार कॉल कर लो, मिल लो और अपनी गलती मान के माफ़ी मांग लो भाई.. सॉरी बोल दो कि आगे से ऐसा नही होगा.   

और अगर तुम्हारी गलती नहीं थी और तुम्हें समझ में ही नहींआ रहा है तो एक और तरीका है किउसके बेस्ट फ्रेंड  से बातें करो या उसकी जो अच्छी फ्रेंड है उससे बातें करो और पूछो कि क्या बात हो गई आज के लिए मुझसे बात कह नहीं कर रही है.

ऐसे बात करना पड़ता है थोड़ा आपको झुकना पड़ेगा.. इगो लेके कहां जाओगे.. अगर रिश्ता बचाना है या कोई भी फ्रेंडशिप बचानी है तो इगो तो नीचे गिराना ही पड़ता है, इगो बहुत बेकार चीज़ होती है.

ओवर एक्टिंग बंद करो 

स्टेप नंबर 4 है कि ओवर एक्टिंग करना बंद कर दो. क्योंकि जब ऐसी परिस्थिति आती है तो हम ओवर एक्टिंग बहुत करते हैं… अबे मेरे को इग्नोर कर दिया.. अरे ऐसे कैसे मेरे को इग्नोर कर दिया.. मेरे को अटेंशन नहीं दे रही.. मेरे को अटेंशन नहीं दे रहा.. अरे ऐसे कैसे!! अब तो मैं देख लूंगा.. अब तो मैं ये कर दूंगा.. अब तो मैं वो कर दूंगा.. वगेरा-वगेरा.

क्योंकि हमें ओवर एक्टिंग करने में मजा आता है, हमे परिस्थिति को और खराब करने में में मज़ा आता है. खुद को इमोशनल बेचारा बनाने में बहुत मजा आता है. 

विक्टिम कार्ड खेलने में मज़ा आता है कि दुनिया मेरे साथ तो ऐसे ही करती है, यह पहला इंसान ऐसा नहीं है.. पहले भी मेरे साथ हो चुका है.. सब मुझे धोखा दे जाते.. मैं दुनिया के साथ भलाई करता हूं सब मेरे साथ धोखा करते हैं और मुझको छोड़ देते हैं, मुझसे तो कोई प्यार ही नहीं करता.. मेरा तो कोई बात ही नहीं करता… मैं क्या करूं मेरी ज़िंदगी खराब हो गई है.. कहीं मैं डिप्रेशन में तो नहीं जा रहा हूं. अरे अब क्या होगा मेरी ज़िंदगी का..!! 

तो लोग ऐसी-ऐसी हरकते करने लग जाते हैं. यह सब करने की बिलकुल ज़रूरत नहीं है. ये एक फेज है जिंदगी का तो आप ओवर एक्टिंग मत करो.

वह इंसान रहेगा रहेगा कल को या नहीं रहेगा.. भाड़ में जाओ मुझे फ़र्क नहीं पड़ता. आप महत्वपूरण हो, तुम्हारा होना ज़रूरी है, अपने आपको सही स्थिति में रखो मानसिक रूपे में, शारीरिक रूप में और हर तरीके से.. आप सही रहने चाहिए. 

वह इंसान आपको इग्नोर करेगा या नहीं करेगा, हो सकता है वो वापस भी आ जाए और कल को फिर चला जाए. तो मेरे दोस्त दुनिया ऐसी ही है.. आएगी जाएगी.. ऐसा चलता रहेगा जिंदगी में.  

तो समझो इस चीज़ को.. दूसरों की वजह से अपने आप पर इतना असर मत डालो. आपका महत्व खुद को देना बहुत ज़रूरी है. वह दे रहा है या नहीं दे रहा.. कोई फ़र्क नहीं पड़ता. 

तो आपको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि वो इंसान आपको महत्व दे रहा है या नहीं दे रहा.. इग्नोर कर रहा है या नहीं कर रहा.

आमने-सामने बात करो 

कोई इग्नोर करे तो क्या करें

आपको उसे मिल के आमने-सामने बातें करनी है. कभी भी कोई भी रिश्ते में समस्या आए तो कॉल पर बात मत  करना. क्योंकि इससे परिस्थिति और खराब हो जाएगी.

कॉल पर वह इंसान कभी भी आपसे सच्चाई नहीं बोलेगा और दूसरी चीज़ के आप खुल कर बातें नहीं कर पाओगे. तो मिल के बातें करो फेस-टू-फेस बातें करो.

किसी एक ऐसी जगह पर बात करो जहां पर वह भी कम्फ़र्टेबल हो और आप भी कम्फ़र्टेबल हो. फिर बातें करो, समझाओ कि मेरी गलती नहीं थी.. मैं यह नहीं कहना चाहता था. 

और अपनी इगो को घर पर छोड़ के जाना.. इगो का जेब में लेकर जाओगे तो चीजें और खराब होंगी. आत्मसम्मान अलग चीज़ होती है और इगो अलग चीज़ होती है.

इंसान इगो तो बहुत दिखाता है.. आत्मसम्मान को भूल जाता है. जबकि इगो आत्मसम्मान से बहुत ऊपर आती है लेकिन हम इगो को पकड़ लेते है और नीचे की चीज़ें भूल जाते हैं.

तो आपको हमेशा याद रखना है कि रिश्ते को बचाने के मूड में जाना है तो सॉरी बोलना पड़ेगा. हो सकता है आपको तब भी सॉरी बोलना पड़े जब आपको लगे कि आपकी गलती नहीं भी थी.

मगर एक चीज़ हमेशा याद रखनी है कि आत्मसम्मान मत भूल जाना. ऐसा ना हो कि उस इंसान के कुछ जरूरत की वजह से आप अपने आप को इतना गिरा दे रहे हो कि उसको पाने के लिए आप सब भूल गए हो कि अपने इज्ज़त का ही ख्याल नहीं है.

दोस्तो, हमे उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल “कोई इग्नोर करे तो क्या करें” अच्छा लगा होगा. इससे समन्धित आपका कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट कर सकते हैं या हमें Instagram के द्वारा सीधा संपर्क भी कर सकते हैं. आप के प्रश्नों का जवाब जरुर दिया जाएगा.

धन्यवाद!!

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