वैसे जिंदगी में बहुत सारी प्रॉब्लम होती है. इस दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा जिसकी जिंदगी में प्रॉब्लम ना हो. और काफी सारे ऐसे लोग होते हैं जो अपनी प्रॉब्लम से लड़ते हैं अपनी प्रॉब्लम से सीखते हैं और अपनी प्रॉब्लम से सीकर अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा कर जाते हैं.
कितने सारे बच्चे होंगे जिनके अभी परीक्षा है, परीक्षा में बहुत तैयारी करते हैं. अपनी एग्जाम के लिए काफी तैयारी करते हैं काफी हद तक वह पढ़ाई भी करते हैं, पूरी रात-रात निकाल देते हैं. और फिर भी उनका अगर रिजल्ट खराब आए तो लोगों के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं कि लोग क्या कहेंगे और वैसा ही हम अपनी जिंदगी में भी करते हैं.
यह जो आज मैं बता रहा हूं वह सिर्फ एक स्टूडेंट के लिए नहीं है वह सभी लोगों के लिए हैं. एक बिजनेसमैन के लिए भी है और एक इंसान के लिए भी है. क्योंकि अपनी जिंदगी में हर रोज एक नई एग्जाम होती है और ऐसी एग्जाम्स होती है दिन में कभी कबार हम पास हो जाते हैं और कभी कबार फेल भी हो जाते हैं.
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दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं. टाइप A; जो हमें सफल होते हुए देखना चाहते हैं. जिसमें हमारे माता-पिता, हमारे परिवार के सदस्य और रिश्तेदार और कुछ दोस्त होते हैं. मूल रूप में ऐसे लोग जिनसे हम भावनात्मक रूप से काफी हद तक जुड़े होते हैं.
टाइप B: जो हमें असफल होते हुए देखना चाहते हैं. वह ऐसा क्यों चाहते हैं ये मालूम नहीं। इस ग्रुप में कोई भी हो सकता है आपके परिवार सदस्य भी हो सकते हैं, आपके कुछ रिश्तेदार भी हो सकते हैं और आपके कुछ झूठे दोस्त भी हो सकते हैं और आपके कई पड़ोसी भी हो सकते हैं.
और टाइप C: जिसमें बड़े-बड़े लोग हो गए, बिजनेसमैन हो गए, राजनीती वाले हो गए और सेलिब्रिटी आते हैं. जहां जहां पर मैं “एग्जाम्स” शब्द का इस्तेमाल करूँ वहां पर आपको अपनी ज़िंदगी से संबद्ध करना है. और अगर आप एक विद्यार्थी है तो आप इसको अपनी एग्जाम के साथ भी जोड़ सकते हैं.
अब आगे बढ़ते हैं. तो सबसे पहले C टाइप के लोगों को भूल जाइए। क्योंकि वह लोग आपको कभी याद ही नहीं करेंगे। जो बड़े-बड़े राजनेता है, बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से जैसे मैंने आपको पहले बताया जो बड़े-बड़े लोग हैं वह ना तो आपको जानते हैं ना ही आपके बारे में अभी सोच सकते हैं.
तो उन लोगों को भूल ही जाइए। सोचिए पूरे संसार में कितने सारे ऐसे लोग हैं जिनके बारे में आपको सूचना ही नहीं है कि वो लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं. तो इतने कितने लोगों को C टाइप्स के लोगों को साइट पर रख लीजिए।
रिजल्ट को लेकर चाहे वह जिंदगी का हो या फिर कोई भी एग्जाम्स का हो तो रिजल्ट को लेकर आपको A टाइप के लोगों की चिंता नहीं करनी चाहिए।
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यह आपकी लाइफ के स्थम्ब है जो आपको खड़ा कर रहे हैं, आपको आगे बढ़ने के लिए शक्ति देते हैं. आपकी हर परिस्थिति में आपकी हर बुराई आपकी हर प्रॉब्लम्स या फिर आपका कैसा भी समय हो वह आपके साथ खड़े रहने वाले लोग हैं. जिसमें आपके मम्मी-पापा, आपके अच्छे दोस्त या फिर कोई भी ऐसा इंसान हो सकता है जो आपको आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा देता है.
हां यह जरूर हो सकता है कि ऊपर से कभी ऐसा साबित नहीं करेंगे ऐसा दिखाएंगे नहीं कि आप उनके लिए कितने महत्वपूर्ण है लेकिन मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं आपको कमजोर नहीं करना चाहते। वो लोग आप को सपोर्ट कर रहे हैं ऐसा दिखा कर आपको नीचा नहीं गिराना चाहते, आपको वह अपने दम पर आगे जाने का बढ़ावा देते हैं.
और मैं गारंटी के साथ कैसा ज़िंदगी में आपके मम्मी-पापा और एक सच्चे दोस्त से अच्छा सपोर्ट और कोई भी नहीं दे सकता, इस दुनिया का कोई भी इंसान नहीं होगा जो आपको उनके जैसा अच्छा सपोर्ट देगा। टाइप A और टाइप C, इन टाइप के लोगों के बारे में हमें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है और बचे टाइप B वाले लोग जो आपकी सफलता से जलते हैं और जो आपको नीचे गिराना चाहते हैं.
आप खुद सोचिए जो लोग आपको असफल होते हुए देखना चाहते हैं, जो लोग आपको फेल होते हुए देखना चाहते हैं, आपको उनसे क्या मतलब है. आपको उन्हें कितनी इंपॉर्टेंस देनी चाहिए? क्या उनके बारे में आपको सोचना भी चाहिए? जरा भी नहीं! उनके बारे में सोचना भी समय बर्बाद करने के बराबर है. थोड़ा भी उनके बारे में सोचना नहीं है.
वह जैसा महसूस करते हैं, जैसा सोचते हैं, जैसा कहना चाहते, जैसे लोग सोचेंगे.. सोचने दीजिए। आपको अपने आप से बोलना है कि मेरे असफल होने पर मेरी असफलता पर अगर वह लोग खुश होते हैं या फिर मेरे पास होने पर वह रोते है या फिर गिर पड़ते हैं तो मुझे उन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
मुझे उन पर ध्यान ही नहीं देना है. क्योंकि उन पर ध्यान देने का मतलब अपनी ज़िंदगी में नकारात्मकता को आकर्षित करना है. इसीलिए उनको छोड़िए।
अगर आप इस दूसरे टाइप के लोगों को खुश करने की सोचते हैं कि भाई लोग जो सोच थे उसको मैं बदलकर रहूंगा या फिर लोग मेरे बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए या फिर कोई भी लोग जो बोलता है उनको मैं और सकारात्मक कर लूंगा, उन को खुश करने में आप कभी भी जीत नहीं पाएंगे।
इसलिए उनको छोड़ दीजिए। वो जो सोचना चाहते हैं सोचने दीजिए, वह जो बोलते हैं बोलने दीजिए, जो करते हैं करने दीजिए। आपको सिर्फ अपने मां-बाप के बारे में सोचना है.
आपको सिर्फ यही सोचना है कि वह जो नकारात्मक लोग हैं उनका मुंह बंद करवाना है तो सामने जाकर मैं नहीं बोलूंगा, उनको मैं करके दिखाऊंगा, उनको मैं बन के दिखाऊंगा, तभी उनका मुंह बंद होगा, तभी वह लोग बोलना बंद करेंगे और तभी आपको असली सफलता मिलेगी।
वैसे आपको यह तो पता ही होगा कि यह जो नकारात्मक लोग होते हैं जब आप फेल हो जाएंगे तो लोगों को कहते फिरेंगे कि यह तो फेल हो गया और जब आप पास भी हो गए तो वह लोग कहेंगे कि यार पास हो गए तो क्या हुआ फर्स्ट डिवीजन तो नहीं आया.
और अगर मान लीजिए कि आपका फर्स्ट डिवीजन भी आ गया तो वह कहेंगे कि जरूर चीटिंग की होगी तो ऐसे लोगों के बारे में आप अगर सोच कर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं आज ही बंद कर दीजिए।
क्योंकि ऐसे लोगों पर ध्यान देने से आपको कुछ भी नहीं मिलने वाला। तो सबसे पहले दूसरों को खुश करने से पहले अपने आप पर ध्यान दीजिए। अगर आप सफल हो गए तो आप अपने आप में भी खुश रहेंगे और लोगों को खुशी बाँट भी सकते हैं.
और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो लोगों के बारे में सोचते सोचते कि उन को खुश कैसे किया जाए या फिर वह खुश नहीं हुए तो सुसाइड करने जैसी बेवकूफी भरा काम भी वह कर लेते हैं और ऐसे लोगों पर दया से भी ज्यादा गुस्सा है.
कोई भला अपने पड़ोसी के लिए या फिर अपनी कोई प्रतियोगी के लिए या फिर अपने बारे में जो कोई बुरा सोच रहा है या फिर कोई भी अपना झूठा दोस्त जो अपनी असफलता पर खुशी मनाता है, उनसे बचने के लिए या फिर उनको खुशी नहीं मिली या फिर वह लोग हम पर हंसते हैं, इससे बचने के लिए हम अपनी मां से हमेशा हमेशा के लिए कैसे मुंह फेर सकते हैं.
हम सुसाइड कैसे कर सकते हैं? इतना बेवकूफी भरा काम कोई भला कैसे कर सकता है. अगर आप एग्जाम में फेल हो गई या फिर आपका बिजनेस में नुकसान हुआ बिजनेस में फेल हो गए हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि जिंदगी वहीं पर खत्म हो गई. लेकिन जिंदगी के इम्तिहान में जिंदगी के एग्जाम में आप 101% टॉप कर सकते हैं. आप में वह काबिलियत है, आपके अंदर वह इंसान छुपा हुआ है जो हर एक इंसान से लड़ सकता है, हर एक प्रॉब्लम का समाधान ला सकता है.
इसीलिए जहां तक एग्जाम की बात आती है या फिर जहां तक कोई भी बिजनेस की बात आती है अपने बेस्ट स्पोर्ट दीजि। जहां तक आपको रिजल्ट चाहिए वहां तक के सपने देखिए। जहां तक आप जाना चाहते हैं उतने तक का सोचिए। एग्जाम हो गए या फिर बिजनेस हो गया या फिर जो भी छोटी-मोटी आपकी जिंदगी में प्रॉब्लम आती है, यह एक जिंदगी का छोटा सा हिस्सा है.
इस का मजा लेना सीखे, इससे कुछ सीख कर कुछ नया करने की कोशिश कीजिए, इंजॉय करिए और आगे बढ़ते जाइए। क्योंकि आप ही वह इंसान हैं जो सब कुछ कर सकता है, जो सब कुछ पा सकता है और आप ही वह इंसान हैं जो जिंदगी की एग्जाम में 101% पहले नंबर पर आ सकता है.
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