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What is Goal Setting? (Hindi)

What is Goal Setting:

Goal setting क्या है? यह कैसे करते हैं और क्यूँ करनी ज़रुरी है?

आप नौकरी करते होंगे, business करते होंगे, कुछ ना कुछ काम करते होंगे अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, अपने सपनो को पूरा करने के लिए।

ज़रूरतें और सपने अलग-अलग हो सकते हैं और यदि आप इसके बारे में detail में जानना चाहते हैं कि इन में क्या फरक है तो आप “What are Needs and Dreams of Life?” पर click कर के जान सकते हैं।

आप अपनी ज़रुरतों और सपनो को पूरा करने के लिए रात-दिन लगे रहते हो लेकिन अगर आपसे पुचा जाए कि आपकी list of goals क्या है? तो आप बोलेंगे कि मेरे पास list of goals नहीं है।

क्योंकि आपने तो बनाया ही नहीं। List of goals बनाने से आपकी ज़िन्दगी बदलना शुरू हो जाती है।

उदाहरण: मान लो New Delhi railway station पर गए और टिकेट के लिए बोलते हो, वो पूछता है कहाँ की टिकेट दूं, आप बोलते हो कहीं की भी दे दो। वो कहीं की भी नहीं देता और आप कहीं भी नहीं पहुँचते।

तो जैसे आपने जिस जगह जहाँ जाना होता है उसका आपको सब पता होता है कि कोनसी ट्रेन जाएगी, कितने बजे जाएगी, कोनसा सीट नंबर है। एक छोटी सी journey के लिए सब कुछ clear होता है आपको तो ज़िन्दगी तो इतनी लम्बी journey है उसके लिए कुछ clear नहीं होता आपको और आप कहीं पहुँच भी नहीं पाते।

यही कहानी है मेरे दोस्त।

उदाहरण: जैसे एक घर बनाने के लिए आप एक अच्छे architect से घर की designing करवाते हैं, एक नक्शा तैयार करवाते हैं कि यहाँ ये बनेगा, यहाँ kitchen बनेगा, यहाँ washroom बनेगा, सब कुछ बढ़िया तरीके से plan बनाते हो।

लेकिन आपकी ज़िन्दगी, जो इस घर से कहीं ज़्यादा कीमती और ज़रुरी है आप उसे design ही नहीं करते, कोई plan ही नहीं बनाते, कोई goal setting ही नहीं होती। तो आपकी ज़िन्दगी का मकान टेढ़ा-मेढ़ा ही तो  बनेगा ना मेरे दोस्त।

Why it is important?

यह उतना ही ज़रुरी है जितना एक गाडी में ड्राईवर का होना। इसके बिना आपकी ज़िन्दगी एक बिना ड्राईवर के गाडी के जैसे है, जो चल तो रही है लेकिन जाना किधर है, मंज़िल क्या है, कितना सफ़र है, यह कुछ भी पता नहीं होता आपको।

उदाहरण: फुटबाल का मैच हो रहा है और दोनों टीमों के खिलाड़ी बहुत मेहनत कर के खेल रहे हैं, दोनों टीमों के खिलाडियों ने अपनी जान लगा दी इस मैच को जीतने के लिए। लेकिन मैच ख़त्म होने के बाद कोई भी टीम  एक भी गोल नहीं कर पाती। तो जब देखा तो मैदान में goal-post ही नहीं था।

तो goal setting के बिना आपकी ज़िन्दगी भी बिना goal-post के फुटबाल मैदान की तरह होती है। आप मेहनत तो बहुत करते हो, जान लगा देते हो लेकिन आख़िर में हासिल कुछ नहीं होता।

तो यह भी दो प्रकार के होते हैं।

Short term goals और long term goals.

Short term goals:

Short term goals वो होते हैं जो आपको थोड़े दिनों में पूरे करने होते है, एक उदहारण से समझना।

उदाहरण: मान लीजिए आपको 2 लाख रूपए दिए जायें और आपको बोला जाये कि इन 2 लाख रुपयों से आपको कोई भी 5 या 6 चीजें खरीदनी है। वो चीजें कुछ भी हो सकती हैं। जैसे मोबाइल फोन लेना है, बड़ा टीवी लेना है, branded घड़ी लेनी है या कुछ और लेना है।

तो उस समय आपके दिमाग में वो 5-6 चीजें आ जाएँगी कि मैं ये-ये लूँगा, आप आसानी से बता दोगे।

तो यह पूरे कैसे होंगे। आप इन short term goals को लिख लीजिए और इनके आगे तारीख लिख दीजिये कि इस तारीख तक मुझे यह लेना ही लेना है।

तो long term goals से पहले आप short term goals पे काम करिये, इनको हासिल करने में लग जाओ और जब आप इन्हें पूरा कर लेंगे तो long term goals को पूरा करने के लिए आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आपके अंदर कुछ करने की आग ओर तेज़ होगी।

Long term goals:

Long term goals 10, 15 या 20 साल के भी हो सकते हैं। मतलब कि आप खुद को आने इन 10, 15 या 20 सालों में किस मुकाम पे देल्वाखते हो।

कुछ लोगों के short term goals तो होते हैं लेकिन उनके long term goals नहीं होते और ऐसे ही कुछ लोगों के long term goals तो होते हैं लेकिन short term goals नहीं होते। यह दोनों प्रकार के लोग ज़िन्दगी में कहीं भी नहीं पहुँच पाते, कुछ ख़ास नहीं कर पाते।

तो short and long term goals दोनों का होना बहुत ज़रूरी है।

उदाहरण: आपके long term goals हो सकते हैं जैसे आपने अगले 10-12 सालों में अपना business खड़ा करना है या एक luxury गाडी है या परिवार के साथ world tour पे जाना।

Goals हमें ज़िन्दगी में उदेश्य और दिशा देते हैं। यह हमें बताते हैं कि हमें क्या हासिल करना है, कैसे हासिल करना है और इनको हासिल करने के लिए हमें किस दिशा में काम करना है, मेहनत करनी है।

अब आपके मन में  यह सवाल होगा कि क्या goal set करने से हमारी ज़िन्दगी बदल जाएगी, क्या short term और long term goals list बनाने से उनको लिखने से वो पूरे भी होंगे, तो जवाब है, हाँ!

ज़रूर पूरे होंगे, इसी विशवास को लेकर चलते रहना है। क्योंकि जब आप उन goals को लिख लेटे हो और उनको हासिल करने की एक तारीख लिख देते हो तो आपके दिमाग को हर समय वो चीज़ याद रहती है और उन पर काम करना चालू  करके जारी रखते हैं।

अगर आपका goal setting को लेकर कोई सवाल हो तो आप comment कर सकते हैं या हमें Contact Us पे जा कर message भी कर सकते हैं।