दोस्तों, आज हम बात करेंगे चेतन मन और अवचेतन मन के बारे में. आपने कही न कही सुना या पढ़ा भी होगा कि चेतन मन और अवचेतन मन क्या है…और अगर आप कोई भी बात अवचेतन मन में पहुंचा देते हैं तो वो बहुत आसानी से पूरा हो जाता है.
और ये सच भी है क्योंकि अवचेतन मन बहुत भी शक्तिशाली है. तो लोग क्यों कहते हैं की आप अवचेतन मन तक बात पहुंचाइए और क्या आपकी बात अवचेतन मन तक पहुँच पाता है?
जी नहीं, बहुत से लोगों की बात अवचेतन मन तक नहीं पहुँच पाती। तो ये अवचेतन मन असल में क्या है? आगर हम यह जान जायेंगे तो शायद अवचेतन मन तक बात पहुँचाना आसान होगा।
दिमाग हमारी बॉडी का सबसे शक्तिशाली हिस्सा है। हमारे दिमाग की शक्ति, हमारे शरीर की शक्ति से कही ज्यादा होती है। हमारा मन दो भागो में बटे हुए है, conscious mind और subconscious mind यानी चेतन मन और अवचेतन मन।
जिस व्यक्ति ने अवचेतन मन की शक्ति को परख लिया और इसका सही इस्तेमाल करना सीख लिया तो वह अपने जीवन के हर लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
दोस्तो, आज हम आपको चेतन मन और अवचेतन मन के बारे में और चेतन मन की शक्ति के बारे में बताएंगे, यह कैसे कार्य करता है, इसके द्वारा मनचाहे परिणाम कैसे हासिल करे। तो आइए शुरू करते है।
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चेतन मन क्या है
जब हम किसी कार्य को पहली बार करते है तब हमे उस कार्य को करने की आदत नही होती है और उस कार्य को हम सोच समझ कर तथा ध्यान दे कर करते है।
उस काम के बारे में हम जिस माइंड से सोचते है, वह चेतन मन होता है। चेतन मन एक्टिव माइंड होता है।
जब हमे कोई बात बताई जाती है या कही जाती है, उस समय हमारी जो प्रतिक्रिया होती है, वह हमारे चेतन मन से ही होता है क्योंकि हम उस बात को पूरा ध्यान से सुन रहे होते है।
जब हम किसी भी चीज़ को पाने की इच्छा करते है तो वह हमारे चेतन मन से होता है। जब हम किसी भी चीज़ पर तर्क करते है तो यह चेतन मन से होता है।
चेतन मन हमारे पूरे माइंड का 10% होता है, जब हम कोई भी कोई भी काम एकाग्र हो कर करते है।
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अवचेतन मन क्या है – Subconscious Mind in Hindi
जब हम कोई कार्य करते है, जिसके लिए हमे सोचने की जरूरत नहीं पड़ती, जिसमे हमारी आदत पड़ गई होती है, हमारा सब काम अपने आप होता है।
तो यह हमारे अवचेतन मन से होता है। अवचेतन मन जब किसी चीज़ को मान लेता है, यानी अवचेतन मन ने मान लिया कि आपने कार चलाना सीख लिया है, तो आप बिना डरे गाड़ी चलाते है।
अवचेतन मन आपके दिमाग का 90% उपयोग करता है। जो आपके भविष्य को तय करता है वही अवचेतन मन होता है। जैसे कि आप जो यह आर्टिकल पड़ रहे है , उससे आपके मन को क्या संदेश मिल रहा है, वह होता है अवचेतन मन।
जब हम कोई वाहन चलाना सीख जाते है, तो हमे सोचना नही पड़ता की कब ब्रेक लगानी है और कब गेयर। जब हम किसी भी चीज़ को बहुत दिनो तक याद करते है तो यह हमारे अवचेतन मन में याद होता है।
चेतन मन और अवचेतन मन दोनों मिल कर हमारी ज़िंदगी को चलाते है. आप अपनी ज़िंदगी में जो कुछ भी कर रहे हो ये सब चेतन और अवचेतन मन ही कंट्रोल करता है.
कुल मिला कर हम यह कह सकते हैं कि हमारा दिमाग हमारी ज़िंदगी को चला रहा है. चेतन मन तो ठीक है लेकिन ये जो अवचेतन मन है यह कुछ ज्यादा ही खास है.
आपकी ज़िंदगी के 90 प्रतिशत फैसले आप नहीं लेते बल्कि ये आपका अवचेतन मन लेता है. आपके दिमाग की असल शक्ति आपके अवचेतन मन में है.
जरा सोचिए, क्या अपनी धड़कन को आप चला रहे हो? तो इसे कौन चला रहा है? औसतन एक मिनट में आपका दिल लगभग 70 बार धड़कता है. तो कौन है जो इसे कंट्रोल करता है कि हर मिनट में दिल की धड़कन इतनी बार करानी है.
और कौन है जो आपके शरीर के तापमान को बनाए रखता है? इसका जवाब है आपका अवचेतन मन. ये आपके दिमाग का पावरहाउस है और यही तय करता है कि आप कौन हो और आप कैसे व्यवहार करते हो.
हमारी जो आदतें है यह भी हमारे अवचेतन मन से सम्बंधित है. जैसे रोज रात को सोने से पहले इंटरनेट इस्तेमाल करने की आपकी आदत है. तो ये आदत असल में अवचेतन मन में संग्रहित रहती है.
लोगों को तो यह पता है कि आदत को आसानी से बदला नहीं जा सकता परन्तु लोगों को यह नहीं पता कि इसका कारन क्या है. इसका कारन यही है कि यह आदत हमारे चेतन मन में नहीं.. अवचेतन मन में संग्रहित रहती है जो हमारे चेतन मन से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है.
हमरी ज़िंदगी में कई चीजे ऐसी हैं जो हमे पता होती है कि ये नहीं करनी चाहिए लेकिन फिर भी हम वही करते है. क्योंकि आपका चेतन मन तो जानता है कि इसे नहीं करना चाहिए लेकिन अवचेतन मन को यह बात नहीं पता.
अवचेतन मन कैसे कार्य करता है
आपका अवचेतन मन वही करता है जिस पर आप अपनी समझ के अनुसार विश्वास करते है। यह आपके चेतन मन की तरह वजह नही ढूंढता है या कोई बहस नही करता है।
नकारात्मक विचार आपके अवचेतन मन में विपरित कार्य करता है। आपका अवचेतन मन एक भूमि की तरह है जो हर प्रकार के सही हो या गलत बीज स्वीकारती है।
यदि आप किसी चीज को जानबूझकर सही समझते है , चाहे वो जूठ ही क्यों न हो, आपका अवचेतन मन इसको सच मानकर इस पर कार्य करने लगेगा और अच्छा परिणाम भी लायेगा क्योंकि इसे आपने इसे अपने मन से सत्य समझा था।
अवचेतन मन से सही परिणाम लाए – Power of subconscious mind in hindi
अवचेतन मन में अगर कोई बात डाल दी जाए तो उसे वास्तविकता में बदलने में कोई नहीं रोक सकता। अगर कोई बात चेतन मन से हो कर अवचेतन मन में चली जाए तो चमत्कार होने लगते हैं.
जब किसी बात को अवचेतन मन में फीड करने की बात आती है तो तो यह अवचेतन मन यह नहीं सोचता कि सही है या गलत या फिर सच है या झूठ. इसके अंदर जो भी निर्देश चले गए उसे वास्तविकता में लाना शुरू कर देता है.
और सोचिए कि अगर इस अवचेतन मन की शक्ति असीमित है तो ये क्या-क्या कर सकता है. तो अगर आपने अपने अवचेतन मन से संपर्क करने के तरिके को सीख लिया तो आप नहीं जानते कि आप किस ऊंचाई को हासिल कर सकते हो, आप जो चाहे ज़िंदगी में वो कर सकते हो.
अवचेतन मन में अपनी बात डालने के अलग लग तरीके होते हैं. उनमे से सबसे अच्छा तरीका है Affirmation.
जब भी कोई बात हमे बोली जाती है तो वो सबसे पहले चेतन मन में जाती है और तब चेतन मन तय करता है कि वो बात हमे अवचेतन मन तक पंहुचना है या नहीं।
अगर वो बात चेतन मन को तर्क में सही लगती है तो वो हमारे अवचेतन मन को भेज देता है.
जैसे मान लीजिये कि अगर कोई आपको रास्ते के कोई भी ऐरा-गैरा पागल इंसान ने आपको बोल दिया कि तू ज़िंदगी में कुछ नहीं कर सकता तो आप उसपे ध्यान नहीं दोगे क्योंकि आपको पता है कि वो पागल है. आपका चेतन मन भी उसे नज़र अंदाज़ कर देगा।
परन्तु मन लीजिये कि एक टीचर जिसकी आप बहुत इज्जत करते हो उसको बहुत मानते हो, वो अगर गुस्से में आ कर आपको बोल दे कि तू ज़िंदगी में कुछ नहीं कर सकता तो आपका चेतन मन उसे बहुत गंभीरता से ले लेगा। क्योंकि आपको पता है कि वो बात आपको आपके टीचर ने बोली है.
और अगर टीचर ने बोलै तो उसमे कोई बड़ा कारन होगा। और इसी सोच के चलते आपके चेतन मन को लगता है की यह बात जरूरी है खास है, इसलिए वो इसे अवचेतन मन भेज देता है. वो यह नहीं देखता कि ये बात सकारात्मक है या नकारात्मक.. ये बस उसे भेज देता है.
इसलिए जो हमेशा नकारात्मक बातें सुनते हैं और नकारात्मक माहौल में रहते हैं वो लोग आगे नहीं बढ़ पाते। पर देखा जाए तो ये चीज सकारात्मक बातों पर भी लागू होती है.
अगर कोई बड़ा इंसान आपकी तारीफ करे और आपको उत्साहित करे तो आपको बहुत अच्छा लगता है. और ज्यादातर लोग जो सकारात्मक बातें सुनते हैं और सकारात्मक किताबें पढ़ते हैं वो ज़िंदगी में कुछ न कुछ अच्छा कर ही लेते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादातर सकारात्मक बातें बोली गई थी.
और यह पॉजिटिव बात जब चेतन मन में जाती है और वो बात अगर ख़ास होती है तो वो उसे अवचेतन मन में भेज देता है और असल ज़िंदगी में वही होने लगता है.
इससे यह पता चलता है कि जब भी कोई बात हमारे चेतन मन में बार-बार हिट करती रहती है तो वो हमारे अवचेतन मन में चली जाती है. इसीलिए यह कहा जाता है कि हमे हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए और नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए।
लेकिन ज्यादातर लोग इस तरिके के बारे में नहीं जानते और सोचते हैं कि बार बार बोलने से क्या होगा। पर आप एक बार कोशिश करके तो देखिये। आप जो सोचते हो वही आपके साथ होता है.
अवचेतन मन में कैसे प्रवेश करें
अगर आप किसी चीज को पाना चाहते हैं तो आप अपने अवचेतन मन की शक्ति से उसे पा सकते हैं लेकिन उसके लिए आपके पास एक दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मा विश्वास होना जरूरी है और इसके साथ ही आपकी सोच भी सकारात्मक होनी चाहिए. अपने विचार को अवचेतन मन तक पहुँचाने का तरीका जितना आसान है उतना ही मुश्किल भी है.
लेकिन अगर आप इसे रोज आजमाएंगे तो आप इस पर जल्द ही काबू पा लेंगे और अपने अवचेतन मन को अपने वश में कर लेंगे। आपको अपने अवचेतन मन को वैसे ही आज्ञा देनी है जैसे आप दूसरों को देते हैं.
लेकिन याद रहे आज्ञा देने का नाटक नहीं करना है.. सच में आपको आज्ञा देनी है और ऐसा सोचना है कि यह काम वह पक्का कर लेगा। शुरुआत में आपके से आसान चीजों से प्रयास करें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़े।
जैसे कि सुबह जल्दी उठना, रात को सोने से पहले आप अपनी गाड़ी में अलार्म सेट करें और सोते वक्त आपको एक ध्यान होकर अपने अवचेतन मन को आदेश देना है कि सुबह मुझे हर हाल में 5 बजे उठना ही है.
ऐसा बार-बार दूर है और फिर सो जाइए। अगर आप सुबह अलार्म के बजने से पहले उठ गए तो समझो आपका विचार पूरी तरह से अवचेतन मन तक पहुंच गया है. अगर नहीं हुआ तो फिर से ट्राई करके देखिए।
आप देखना अगर आप किसी बात पर बहुत चिंतित हैं और उस पर बहुत कम विचार करते हो तो उसका सीधा प्रभाव आपके अवचेतन मन पर पड़ता है.
कई बार हमें सुबह जल्दी उठकर कोई गाड़ी है बस पकड़ नहीं होती है तो हम रात को सोने से पहले अलार्म लगा देते हैं. लेकिन हम अलार्म बजने से पहले उठ जाते हैं, जिसकी वजह है अगली रात को हमें सुबह जल्दी उठने की चिंता, जो हमारे अवचेतन मन तक पहुंच जाती है और उसी की वजह से हम जल्दी उठ जाते हैं.
यह अवचेतन मन तक बात पहुंचाने का सबसे सामान्य तरीका है. आप रात को सोने से पहले आज्ञा दो और याद रहे शुरुआत में आसान चीजों पर ही प्रयास करें फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं और देखना इससे आप वो सब कुछ पा लेंगे जो आप पाना चाहते हैं.
अवचेतन मन तक पहुंचाने का दूसरा तरीका है ध्यान। अगर आप हर रोज ध्यान करते हो तो आप का अवचेतन मन उतना ही प्रभावशाली होगा।
ध्यान करने से आप अपने अवचेतन मन को सीधा सुझाव दे सकते हैं. अवचेतन मन तक पहुंचने के लिए ध्यान की भी एक अवस्था होती है. वहां तक पहुंचने के लिए आपको हर रोज ध्यान की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। फिर आप धीरे-धीरे अवचेतन मन तक जरूर पहुंच जाओगे
निष्कर्ष:
इसलिए अगर आपको सफल होना है तो आपको सफल लोगो की किताबों को पढ़ना चाहिए। अगर आप सकारात्मक माहौल में रह कर सकारात्मक बातों को अपने दिमाग में यानि चेतन मन में हिट करोगे तो कभी न कभी वो चेतन मन की दीवार को तोड़ के अवचेतन मन में दाखिल हो जाएगी।
उसके बाद जैसी परिस्थिति आप चाहते हो आपकी ज़िंदगी में वही चीजे होने लगेंगी।
तो दोस्तों अगर आपको यह लेख “Subconscious Mind in Hindi” अच्छा लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताएं, धन्यवाद !!
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