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डर को कैसे भगाए | निडर कैसे बने

दोस्तो, आज हम इस टॉपिक पर बात करेंगे कि हम अपने डर को कैसे भगाए. डर तो हर एक व्यक्ति के अंदर होता है। कही लोग तो छोटी से छोटी बातो पर भी डर और घबरा जाते है क्योंकि वह डर उनके मन और दिमाग में बैठा होता है। डर एक बहुत ही सामान्य चीज़ है।

डर रखने वाले लोगो की जिंदगी एक सज्जा की तरह हो जाती है और किसी भी काम में इनका मन नही लगता है।

ऐसे में डर को दूर करना बहुत ही आवश्यक है वरना व्यक्ति अपने जीवन में अपनी जिम्मेदारियों को सही से नही निभा पाता है।

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कहते हैं कि डर लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन है. लाखों करोड़ो लोग पास्ट, फ्यूचर, बुढ़ापे, पागलपन और मौत से डरते हैं लेकिन डर केवल आपके दिमाग का एक विचार है.

इसका मतलब है कि आप अपने ही विचारों से डरे हुए हैं. जैसे कोई छोटा बच्चा डर के मारे दहशत में आ सकता है जब कोई उसे बोल दे कि उसके बेड के निचे भूत है जो रात को उसे पकड़ लेगा.

लेकिन जब माता पिता लाइट जला कर दिखाते हैं कि कोई भूत नहीं है तो उसका डर दूर हो जाता है. बच्चे के दिमाग का डर उतना ही असली था जितना कि भूत होने पर होता.

उसके मन के झूठे डर का इलाज हो गया क्योंकि जिस चीज से उसे डर था वो मौजूद ही नहीं था. इसी तरह आपके अधिकतर डर असली नहीं होते हैं वो महज़ बेकार के विचार होते हैं.

डर क्या है – डर का कारण

डर एक ऐसी चीज है जिसे आप जितना दिल में जगह देंगे, उतना ही यह आपको घेरता रहेगा, इसलिए आज हम आपको डर भगाने के कही उपाय बताएंगे जिससे आप बिना डरे अपने जीवन में आसानी से रह पाएंगे।

अपमान होने का डर

डर को कैसे भगाए

यह डर ज्यादा तौर पर व्यक्ति के अंदर होता है। उन्हे डर होता है कि यदि हमने कुछ उल्टा सीधा बोल दिया, यदि मैने class में सही से नही सुनाया आदि, तो मेरा सबके सामने अपमान हो जाएगा।

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असफल होने का डर

डर को कैसे भगाए

विद्यार्थी समय पर अपनी परीक्षा की तैयारी नही करते है, जिसकी वजह से उन्हें डर लगा रहता है कि वे फेल न हो जाए। अपने मां बाप की अपेक्षाओं के चलते भी फेल होने का डर रहता है।

भविष्य का डर

ज्यादातर व्यक्ति हमेशा इसी सोच में रहता है कि वह आगे चलकर क्या काम करेगा, पैसा कैसे कमाएगा। अपने भविष्य को लेकर सभी घबराते रहते है।

स्टेज पर बोलने का डर

यह डर बहुत ही आम है। जब भी कोई व्यक्ति स्टेज पर चाहे स्पीच देने जा रहा हो या फिर एंकरिंग करने, डर तो रहता ही है कही कुछ गलत बोल दिया तो, बेस्ती हो जायेगी।

मौत का डर

जब कोई व्यक्ति खाली बैठा होता है तो वह कुछ न कुछ सोचता रहता है। कही व्यक्ति सोचते है कि यदि उन्हें कोई बीमारी हो गई तो उनकी मृत्यु हो जायेगी।

समाचार देखने से यह डर पैदा होता है।

डर को कैसे भगाए

पुरानी बातो को याद न करे

यदि आपके साथ कोई घटना हुई है, जिसकी वजह से अब आपके मन मे उस बात का खौफ बैठ गया है तो आपको उसे सोचना बंद कर देना चाहिए।

जो बीत गया,सो बीत गया। जरूरी नहीं है कि जिस पुरानी बात ने आपको उस समय परेशान किया, वो अभी भी करे। डर से हम जितना डरेंगे, उतना ही वह हमे डराएगा इसलिए पुरानी बातो को याद न करे।

घबराहट के समय में आराम से साँस लें

जब भी हम बहुत जायदा डर जाते हैं भयभीत हो जाते हैं तो हमारे दिल कि धडकने बहुत बढ़ जाती हैं जो कि बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

तो ऐसे में यदि आपको तेज़ धड़कन तेज़ पसीना आ रहा है तो इससे आप घबराईये मत, आप जहाँ है वहीं रहे और बस खुद को शांत रखने की कोशिश करते रहें.

अपने हाथ की हथेली को अपने पेट पर रखे और धीरे धीरे गहरी सांसे लें. अपने मन और दिमाग को घबराहट से मुकाबला करने की आदत डालें.

आत्मविश्वासी बने

डर को कैसे भगाए

व्यक्ति में आत्मविश्वास होना बहुत ही आवश्यक है। आत्मविश्वासी लोग ही दुनिया में आगे बढ़ते है।

दूसरो पर भरोसा रखना भी अच्छी बात है परंतु सब कुछ दूसरो को भरोसे न छोड़े, उन पर निर्भर न रहे, अपने दम पर काम करे और अपना लक्ष्य हासिल करे।

सही होने की कोशिश मत करें

जीवन तनावों और परेशानियो से भरा है फिर भी हम से कई लोग ऐसा सोचते हैं कि हमारा जीवन परिपूरण होना चाहिए.

बुरे दिन और असफलताएं हमेशा रहेंगी इसलिए इनके बारे में ज्यादा सोच सोच कर खुद को प्रेषण न करें.

हमेशा साकारात्मक रहे

यदि आप अपने डर को भगाना चाहते है तो सबसे पहले आप साकारात्मक रहना और साकारात्मक सोचना शुरू कर दे।

लोग हमेशा सोचने लगते है कि उनके साथ तो बुरा ही होगा, उनके साथ अच्छा हो ही नही सकता। यह सोच रखने से वह चीज़ों को और भी मुश्किल बना लेते है।

डर का सामना करे

डर से बचना और डर से भागना ही उन्हें डरावना बनाता है, आपका डर जो भी हो अगर आप इसका सामना करते हैं तो कुछ दिनों में आपका दिमाग उस चीज से डरना बंद कर देता है

जिस भी चीज़ से आपको भय लगता है आपको वही चीज़ करनी चाहिए। आपने तो सुना ही होगा डर के आगे जीत है।

जिस दिन आप अपने डर को भगा देंगे उस दिन आप जीत हासिल कर लेंगे। इसलिए बिना खौफ हुए उस डर के सामने खड़े हो जाए।

भविष्य के बारे में ज्यादा न सोचे

मनुष्य अपने भविष्य को ले कर हमेशा चिंतित रहता है। कभी भी future के बारे में जरूरत से ज्यादा न सोचे। जितना आप सोचेंगे उतना ही आपके मन में भय बढ़ता रहेगा।

सबका भविष्य भगवान ने पहले से ही तय किया हुआ है।

निडर बने

दस्तो एक बात तो आप अपने दिमाग में गाँठ बांधले कि ये दुनिया डरपोक और बुजदिल लोगों के लिए नहीं बनी है, ये दुनिया निडर लोगों के लिए बनी है.

अगर आपको सुख चैन से जीना है तो आपको निडर बनना होगा. आप अपने अंदर इतना साहस और हिम्मत पैदा करें कि जीवन में किसी भी कठिनाई और डर का सामना कर सकें.

निष्कर्ष:

मनुष्य के जीवन का चालक है ‘भय’. मनुष्य सदा ही भय का कारण ढूँढ लेता है, जीवन में जिन मार्गों का हम चुनाव करते हैं वो चुनाव ही हम भय के कारण ही लेते हैं.

कित्नु क्या ये भय वास्तविक होता है?.. विचार कीजिए !!

भय का अर्थ है आने वाले समय में विपत्ति की कल्पना, कित्नु समय का स्वामी कौन? ना तो हम समय के स्वामी है, ना हमारे शत्रु, ना कोई और. समय तो इश्वर के आधीन चलता है.

तो क्या यदि कोई आपको हानि पहुँचाने की योगना बनाता है, क्या वो वास्तव में आपको हानि पहुंचा सकता है? नहीं! कित्नु से भरा हुआ हृदय हमे अधिक हानि पहुंचाता है

विपत्ति के समय भयभीत हृदय अयोग्य निर्णय करता है और विपत्ति को अधिक पीड़ा दायक बनाता है कित्नु विश्वास के भरा हृदय विपत्ति के समय को भी सरलता से पार कर जाता है.

अर्थात जिस कारण से मनुष्य अपने दिल में डर को स्थान देता है, भय ठीक उसके विपरीत काम करता है

हमारे दिमाग में जितने भी डर होते है, वह कही एम कही से आए होते है। कुछ ऐसी भी बाते होती है जो हमे बचपन से सिखाई जाती है जिससे धीरे धीरे हमारे अंदर डर बैठने लगता है।

जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नही होता। एक बात याद रखियेगा ” जो डर गया, समझो मर गया”। इसलिए डरना छोड़ दे।

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